हजार चेहरा में एगो तु ही रहल जेकरा पर हम मर मिटली
वर्ना न त चाहत क कमी रहे ना त चाहे वालन क कमी रहे
टूटल अईसन दिल आवाज तक ना आईल
हम कईसे जीयत बानी केहू जीके त बतावस
बीना बतवले उ ना जाने काहे हमसे दूरी क लिहलन
बिछड. के ऊ हमार मुहबबत अधूरे छोर दिहलन
हमरे मुककदर में खाली गम बा त का भइल
खुदा उनकर खवाइस त पुरा कर दिहलन
आज सोचनी की तोहरा के सपना कही
पर सपना त सच होखेला ना
तू ख्याले में रोज आईल कर
लोग कहेला की ख्याल कबो बदलेला ना
ऐसे न चाल चल पवन हरजाई॥
लागल झुलानिया कय तार टूट जायी,
हंस हंस के न बात कर होय जग हसाई
लागल उमारिया कय ले छूट जायी
काश कि ई आंसुवन के साथ तहार याद भी बह जात
त एक दिन तस्सली से बईठ के रो लेंती
तनहा रहल त मोहबबत करे वाला क रशम-वफा हवे
अगर फूल खुशी खातिर होत त केहू जनाजा पर नाही डालत