निरहुआ की फिल्म ‘लल्लू की लैला’ की अभिनेत्री यामिनी सिंह ने कहा – एडवांस हो रहा भोजपुरी सिनेमा का स्टेंडर्ड
‘भोजपुरी सिनेमा एडवांस हो रहा है, चाहे वो कंसेप्ट के मामले में हो या मेकिंग के मामले में हो. हर मामले में भोजपुरी में इन दिनों बन रही फिल्में किसी बॉलीवुड फिल्मों से कम नहीं है. इसका उदाहरण है - फिल्म ‘लल्लू की लैला’, जो 13 सितंबर से देश भर में रिलीज होगी. आप जरूर देखें. ‘ यह कहना है सुपरस्टार दिनेशलाल यादव की फिल्म ‘लल्लू की लैला’ की सेकेंड लीड एक्ट्रेस यामिनी सिंह का. यामिनी कहती हैं कि ‘लल्लू की लैला’ दर्शकों को पूरी तरह से अपने साथ बांध कर रखने वाली फिल्म है. इसमें कहीं भी इमोशन ब्रेक नहीं होने वाला है. ये निर्देशक सुशील उपाध्याय की विजन का कमाल है.
यामिनी ने फिल्म ‘लल्लू की लैला’ में अपने किरदार के बारे बताया कि फिल्म वे एक मॉडल के कैरेक्टर में हैं, जो लल्लू (निरहुआ) की अच्छाई और सादगी देखकर पिघल जाती है. जब लल्लू उसे शादी के लिए प्रपोज करता है, तब वह उससे 10 दिन का समय लेती है. लेकिन इन 10 दिनों में ऐसा बहुत कुछ हो जाता है, जिसके बाद उन्हें अपने प्यार को सेक्रीफाइस करना पड़ता है. बाकी फिल्म देखने के बाद पता चलेगा. उन्होंने कहा कि मैंने अपने कैरेक्टर के लिए खूब मेहनत किया है, इसलिए जरूर देखें. यह फिल्म वलगेरिटी पसंद करने वालों के लिए बिलकुल नहीं है. फिल्म बेहद साफ़- सुथरी फैमली इंटरटेमेंट है.
यामिनी ने फिल्म की शूटिंग का अपना अनुभव भी शेयर किया और बताया कि दिनेशलाल यादव निरहुआ बेहद जेनविन पर्सनालिटी के इंसान हैं. उन्होंने सेट पर मेरी काफी मदद भी की. वहीं, आम्रपाली दुबे काफी ग्रेसफुल हैं. वे जितनी सुंदर हैं, उतना ही मक्खन के तरह उनका काम होता है. और मैं खुद को गुड स्टार्टर मानती हूं. आपको बता दें कि यामिनी सिंह लखनऊ की रहने वाली हैं और वे इंजीनियर हैं. साथ ही पुणे से फैशन डिजाइनिंग कर रही हैं. फिल्म की ओर रूख करने का क्रेडित वे अपनी किस्मत को देती हैं और कहती हैं –‘मेरी एक मराठी वीडियो अलबम की वजह से ब्रेक मिला.‘ जिसके बाद अब तक लगभग आधे दर्जन फिल्म कर चुकी हैं.
यामिनी गलत जगह स्ट्रगल करने में विश्वास नहीं करतीं, यही वजह है कि उन्होंने लगता है कि बॉलीवुड की जगह उन्हें भोजपुरी इंडस्ट्री पसंद आई. वे भोजपुरी की खराब होती इमेज को भी सुधारना चाहती हैं, इसलिए भी उन्होंने इस इंडस्ट्री को चुना. यामिनी के लिए एक्टिंग का मतलब फीलिंग्स है, यही वजह है कि वे बिना किसी ट्रेनिंग भी अपने कैरेक्टर में आसानी से उतर जाती हैं. यह उनकी फिल्म ‘लल्लू की लैला’ में भी बखूबी देखने को मिलेगी.
गौरतलब है कि वर्ल्ड वाइड और जितेंद्र गुलाटी प्रस्तुत फिल्म ‘लल्लू की लैला’ के निर्माता रत्नाकर कुमार और निर्देशक सुशील उपाध्याय हैं. इसके को – प्रोड्यूसर सुशील सिंह और प्रकाश जैश हैं, जो खुद भी फिल्म में नजर आ रहे हैं. एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर इमरोज अख्तर (मुन्ना) हैं. कहानी संजय राय की है. फिल्म में दिनेशलाल यादव निरहुआ, आम्रपाली दुबे, यामिनी सिंह, कनक पांडे, सुशील सिंह, संजय पांडेय, प्रकाश जैश, बीआईबी बीजेंद्र सिंह, जे नीलम, रीना रानी, दीपक सिन्हा, देव सिंह मुख्य भूमिका में हैं. संगीतकार मधुकर आनंद हैं और आजाद सिंह, संतोष पुरी व संदीप साजन गीतकार. एक्शन दिलीप यादव का है और पीआरओ रंजन सिन्हा हैं. कोरियोग्राफी राम देवन, कानू मुखर्जी और दिलीप मिस्त्री ने की है.
‘भोजपुरी सिनेमा एडवांस हो रहा है, चाहे वो कंसेप्ट के मामले में हो या मेकिंग के मामले में हो. हर मामले में भोजपुरी में इन दिनों बन रही फिल्में किसी बॉलीवुड फिल्मों से कम नहीं है. इसका उदाहरण है - फिल्म ‘लल्लू की लैला’, जो 13 सितंबर से देश भर में रिलीज होगी. आप जरूर देखें. ‘ यह कहना है सुपरस्टार दिनेशलाल यादव की फिल्म ‘लल्लू की लैला’ की सेकेंड लीड एक्ट्रेस यामिनी सिंह का. यामिनी कहती हैं कि ‘लल्लू की लैला’ दर्शकों को पूरी तरह से अपने साथ बांध कर रखने वाली फिल्म है. इसमें कहीं भी इमोशन ब्रेक नहीं होने वाला है. ये निर्देशक सुशील उपाध्याय की विजन का कमाल है.
यामिनी ने फिल्म ‘लल्लू की लैला’ में अपने किरदार के बारे बताया कि फिल्म वे एक मॉडल के कैरेक्टर में हैं, जो लल्लू (निरहुआ) की अच्छाई और सादगी देखकर पिघल जाती है. जब लल्लू उसे शादी के लिए प्रपोज करता है, तब वह उससे 10 दिन का समय लेती है. लेकिन इन 10 दिनों में ऐसा बहुत कुछ हो जाता है, जिसके बाद उन्हें अपने प्यार को सेक्रीफाइस करना पड़ता है. बाकी फिल्म देखने के बाद पता चलेगा. उन्होंने कहा कि मैंने अपने कैरेक्टर के लिए खूब मेहनत किया है, इसलिए जरूर देखें. यह फिल्म वलगेरिटी पसंद करने वालों के लिए बिलकुल नहीं है. फिल्म बेहद साफ़- सुथरी फैमली इंटरटेमेंट है.
यामिनी ने फिल्म की शूटिंग का अपना अनुभव भी शेयर किया और बताया कि दिनेशलाल यादव निरहुआ बेहद जेनविन पर्सनालिटी के इंसान हैं. उन्होंने सेट पर मेरी काफी मदद भी की. वहीं, आम्रपाली दुबे काफी ग्रेसफुल हैं. वे जितनी सुंदर हैं, उतना ही मक्खन के तरह उनका काम होता है. और मैं खुद को गुड स्टार्टर मानती हूं. आपको बता दें कि यामिनी सिंह लखनऊ की रहने वाली हैं और वे इंजीनियर हैं. साथ ही पुणे से फैशन डिजाइनिंग कर रही हैं. फिल्म की ओर रूख करने का क्रेडित वे अपनी किस्मत को देती हैं और कहती हैं –‘मेरी एक मराठी वीडियो अलबम की वजह से ब्रेक मिला.‘ जिसके बाद अब तक लगभग आधे दर्जन फिल्म कर चुकी हैं.
यामिनी गलत जगह स्ट्रगल करने में विश्वास नहीं करतीं, यही वजह है कि उन्होंने लगता है कि बॉलीवुड की जगह उन्हें भोजपुरी इंडस्ट्री पसंद आई. वे भोजपुरी की खराब होती इमेज को भी सुधारना चाहती हैं, इसलिए भी उन्होंने इस इंडस्ट्री को चुना. यामिनी के लिए एक्टिंग का मतलब फीलिंग्स है, यही वजह है कि वे बिना किसी ट्रेनिंग भी अपने कैरेक्टर में आसानी से उतर जाती हैं. यह उनकी फिल्म ‘लल्लू की लैला’ में भी बखूबी देखने को मिलेगी.
गौरतलब है कि वर्ल्ड वाइड और जितेंद्र गुलाटी प्रस्तुत फिल्म ‘लल्लू की लैला’ के निर्माता रत्नाकर कुमार और निर्देशक सुशील उपाध्याय हैं. इसके को – प्रोड्यूसर सुशील सिंह और प्रकाश जैश हैं, जो खुद भी फिल्म में नजर आ रहे हैं. एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर इमरोज अख्तर (मुन्ना) हैं. कहानी संजय राय की है. फिल्म में दिनेशलाल यादव निरहुआ, आम्रपाली दुबे, यामिनी सिंह, कनक पांडे, सुशील सिंह, संजय पांडेय, प्रकाश जैश, बीआईबी बीजेंद्र सिंह, जे नीलम, रीना रानी, दीपक सिन्हा, देव सिंह मुख्य भूमिका में हैं. संगीतकार मधुकर आनंद हैं और आजाद सिंह, संतोष पुरी व संदीप साजन गीतकार. एक्शन दिलीप यादव का है और पीआरओ रंजन सिन्हा हैं. कोरियोग्राफी राम देवन, कानू मुखर्जी और दिलीप मिस्त्री ने की है.